‘व्यंग्यश्री सम्मान’ 2004 – श्रीमती अलका पाठक

हिन्दी की सुपरिचित लेखिका, मीडियाकर्मी और व्यंग्यकार श्रीमती अलका पाठक को आठवां ‘व्यंग्यश्री सम्मान’ वरिष्ठ साहित्यकार श्री कमलेश्वर की अध्यक्षता में वरिष्ठ आलोचक डॉ. विश्वनाथ त्रिपाठी ने प्रदान किया। मुख्य वक्ता थे- डॉ. संतोष शर्मा और डॉ. रत्ना कौशिक। समारोह में सर्वश्री डॉ. सरोजिनी प्रीतम, अरुण जैमिनी, निशा भार्गव और प्रवीण शुक्ल ने श्रोताओं को अपनी हास्य-व्यंग्य रचनाओं से गुदगुदाया। इस अवसर पर लोकप्रिय अभिनेता शेखर सुमन की आवाज़ में इनर वॉयस एवं टाइम्स म्युज़िक द्वारा प्रस्तुत ‘ससुराल चलो’ (पं. गोपालप्रसाद व्यास की चर्चित हास्य-कविताएं) की कैसेट का लोकार्पण एवं ‘आलेख संवाद’ पत्रिका के गोपालप्रसाद व्यास विशेषांक का लोकार्पण भी किया गया। व्यंग्यश्री अलका पाठक का जन्म 1952 में हुआ।

इनकी चर्चित व्यंग्य-कृतियां हैं-

‘किराये के लिये’, ‘बे अदब बे मुलाहिजा’, ‘होना हिट लिस्ट में’, “गार्ड रक्षित दफ्तरे’ ‘समझौतों का देश’, ‘पादुका पुराण’, ‘ठूंठों का बसंत’ और ‘न मौका, न दस्तूर’।