समय-असमय हमारे बीच रहने वाले कवि, लेखक, पत्रकार और हिन्दीसेवी हमें छोड़कर चले जाते हैं। छोड़ जाते हैं अपनी यादें, सिर्फ यादें। हिन्दी भवन भाषा, साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में योगदान देने वाले विशिष्ट विद्वानों, कलाकारों एवं रचनाकारों को श्रद्धांजलि अर्पित करना, उनकी स्मृति सभाएं आयोजित करना तथा उनकी स्मृति-रक्षा के लिए प्रयत्न करना अपना कर्त्तव्य समझता है। हिन्दी भवन ने अनेक साहित्यकारों के दिवंगत होने पर बिना समय गंवाए अखबारों में सूचना देकर और साहित्य-समाज को टेलीफोन से सूचित करके कई स्मृति सभाओं का आयोजन किया है।