राजर्षि पुरुषोत्तमदास टंडन की 120वीं जयंती के अवसर पर पंडित भीमसेन विद्यालंकार की स्मृति में स्थापित चौथा ‘हिन्दीरत्न सम्मान’ दक्षिण भारत में हिन्दी का अलख जगाने वाले तेलुगूभाषी डॉ0 बालशौरि रेड्डी को प्रदान किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि थे ‘पंजाब केसरी’ के प्रधान संपादक श्री विजय चोपड़ा और अध्यक्ष थे ‘दैनिक भास्कर’ के संपादक श्री आलोक मेहता। इस अवसर पर डॉ. राकेश टंडन (राजर्षि टंडन के प्रपौत्र) ने अपने प्रपितामह टंडनजी के तथा प्रो. जयपाल विद्यालंकार ने पं. भीमसेनजी के हिन्दीप्रेम को रेखांकित किया। समारोह में बड़ी संख्या में साहित्यकार, पत्रकार एवं बुद्धिजीवी उपस्थित थे। जिनमें प्रमुख नाम हैं- सर्वश्री गोपालप्रसाद व्यास, कमलेश्वर, राजेन्द्र अवस्थी, डॉ. विश्वनाथ त्रिपाठी, जगदीश चतुर्वेदी, शरनरानी बाकलीवाल, अमर गोस्वामी, अजय भल्ला, डॉ. शांता मल्होत्रा, कमलकिशोर गोयनका, डॉ. गोविन्द व्यास, प्रभाकिरण जैन, हरस्वरूप भंवर आदि। समारोह का संचालन हिन्दी भवन के निदेशक डॉ. शेरजंग गर्ग ने किया।
जन्मः 1 जुलाई, 1928 जिला कडपा, आंध्रप्रदेश
शिक्षाः नेल्लूर, कडपा, इलाहाबाद और वाराणसी
कार्यक्षेत्रः
• हिन्दी प्रचार सभा, मद्रास के प्रशिक्षण विद्यालय में प्राचार्य।
• 23 वर्ष ‘चन्दामामा’ (हिन्दी) के संपादक।
• निदेशक, भाषा परिषद, 36-ए, शेक्सपीयर सरणी, कोलकाता।
• पूर्व अध्यक्ष, आंध्रप्रदेश, हिन्दी अकादमी, हैदराबाद।
• पूर्व प्रधान संपादक, ‘चमकता सितारा’ (हिन्दी दैनिक)
• अध्यक्ष, तमिलनाडु, हिन्दी अकादमी, चेन्नई।
संस्कृति एवं साहित्य से संबंधित पुस्तकें
(1) पंचामृत
(2) आंध्र भारती
(3) तेलुगू साहित्य का इतिहास
(4) तमिलनाडु
(5) कर्नाटक
(6) वीरेशलिंगम पंतुलु (संक्षिप्त जीवनी)
(6) वीरेशलिंगम पंतुलु (संक्षिप्त जीवनी)
अमरीका, इंग्लैंड तथा मारीशस की यात्रा।
1. शबरी (चार संस्करण, राजपाल एंड संस, दिल्ली)
2. जिंदगी की राह
3. यह बस्तीः ये लोग
4. स्वप्न और सत्य (उपन्यास)
5. प्रकाश और परछाईं
6. लकुमा
7. धरती मेरी मां
8. प्रोफेसर
9. वीर केसरी
10. दावानल (ऐतिहासिक उपन्यास)
1. तेलुगू की लोककथाएं
2. आंध्र के महापुरुष
3. सत्य की खोज (एकांकी संग्रह)
4. तेनालीराम के नए लतीफे
5. बुद्धू से बुद्धिमान
6. न्याय की कहानियां
7. आदर्श जीवनियां
8. आमुक्त माल्यदा (बाल उपन्यास)
9. दक्षिण की लोककथाएं
10. तेनालीराम की कहानियां।
• हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग द्वारा ‘साहित्य वाचस्पति’।
• श्री वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय, तिरुपति द्वारा डी.लिट् की मानद उपाधि।
• साहित्य अकादमी, दिल्ली के हिन्दी सलाहकार।